तेरी मोहब्बत ने हमे बेनाम कर दिया, हमे हर ख़ुशी से अंजान कर दिया.

 तेरी मोहब्बत ने हमे बेनाम कर दिया,

हमे हर ख़ुशी से अंजान कर दिया,

हमने तो कभी नही चाहा था हमे मोहब्बत हो,

लेकिन उसकी पहली नज़र ने हमे नीलाम कर दिया।


एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,

तू आज भी बेखबर है कल की तरह।


बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को,

ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को,

बुझती नहीं है प्यास मेरे इस प्यासे दिल की,

न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को।


आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,

एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,

करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,

लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।


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संभाले नहीं संभलता है दिल,

मोहब्बत की तपिश से न जला,

इश्क तलबगार है तेरा चला आ,

अब ज़माने का बहाना न बना।


तुम्हारा ज़र्फ़ है तुम को मोहब्बत भूल जाती है,

हमें तो जिस ने हँस कर भी पुकारा याद रहता है,

मोहब्बत में जो डूबा हो उसे साहिल से क्या लेना,

किसे इस बहर में जा कर किनारा याद रहता है।


हर कदम हर पल हम आपके साथ है,

भले ही आपसे दूर सही, लेकिन आपके पास हैं,

जिंदगी में हम कभी आपके हो या न हों,

लेकिन हमे आपकी कमी का हर पल एहसास हैं।


बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,

वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,

जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,

तब वो ही पल मेरे लीये पूरी कायनात होती है।


लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से,

एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये।


जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,

जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,

जो है पास आपके उसको सम्भाल कर रखना,

क्योंकि एक बार खोकर प्यार दोबारा नही मिलता।


चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई,

चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए,

हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे,

माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये।


मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,

ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।


किसी न किसी को किसी पर एतवार हो जाता है,

एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है,

खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा,

किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।


इश्क करती हूँ तुझसे अपनी जिंदगी से ज्यादा,

मैं डरतीं हूँ मौत से नही तेरी जुदाई से ज्यादा,

चाहे तो हमे आज़मा कर देख किसी और से ज्यादा,

मेरी जिंदगी में कुछ नही तेरी आवाज़ से ज्यादा।


तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,

दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,

तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,

मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।


नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,

की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,

मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,

मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।


कुछ ख़ास जानना है तो प्यार कर के देखो,

अपनी आँखों में किसी को उतार कर के देखो,

चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,

ये एहसास जानना है तो दिल हार कर के देखो।


न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,

बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत।


दिल का हाल बताना नही आता,

हमे ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,

सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज़ को,

पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता।


घायल कर के मुझे उसने पूछा,

करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,

लहू-लहू था दिल मेरा मगर

होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।


हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे,

आपकी हर बात पर ऐतबार कर लेंगे,

बस एक बार कह दो कि तुम सिर्फ मेरे हो,

हम ज़िन्दगी भर आपका इंतज़ार कर लेंगे।


जब खामोश निगाहों से बात होती है,

तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,

हमतो बस खोये ही रहतें हैं उनके ख्यालों में,

पता ही नही चलता कब दिन कब रात होती है।


नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,

मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,

मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,

मेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो।


हकीकत कहो तो उन्हें ख्वाब लगता है,

शिकवा करो तो उन्हें मज़ाक लगता है,

कितनी शिद्दत से हम उन्हें याद करते हैं,

और एक वो हैं जिन्हें ये सब मजाक लगता है।


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